6.19.2012

बुखार

एक ठीक -ठाक तिकोना
सुनहरा भूरा
गरमा गरम समोसा
मेरे सपनो में आता है

भाप छोड़ते साम्भर में
स्थिर तैरती
दो सफेद इडलियां
मेरे सपने में आती हैं

कुंवार की दोपहर
धुप में तपता निथरता बरसाती पानी
मेरे सपनों में आता है

घासीली गंध और जंगली फूलों से भरी
एक शांत दोपहर
मेरे सपनों में आती है

सब कुछ खोकर
निर्जन मैदान में
पीली सूखी घास को निहारता मैं
अपने सपने में आता हूँ